जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने गांदरबल आतंकी हमले पर जो प्रतिक्रिया दी है, उसे लेकर इंटरनेट यूजर्स भड़के

जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल आतंकी हमले पर जो प्रतिक्रिया दी है, उसे लेकर इंटरनेट यूजर्स भड़के हुए हैं। अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करके कहा था, 'सोनमर्ग क्षेत्र के गगनगीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर नृशंस और कायरतापूर्ण हमले की बहुत दुखद खबर है। ये लोग क्षेत्र में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना पर काम कर रहे थे। इस उग्रवादी हमले में 2 लोग मारे गए हैं और दो से तीन अन्य घायल हुए हैं। मैं निहत्थे निर्दोष लोगों पर इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।'

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उमर अब्दुल्ला ने इस हमले की निंदा की, जो इस केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ ग्रहण के महज 4 दिन बाद हुआ। उन्होंने घटना के कुछ वक्त बाद दूसरी पोस्ट में लिखा था, ‘गगनगीर हमले में मृतकों की संख्या अंतिम नहीं है क्योंकि स्थानीय और गैर-स्थानीय दोनों तरह के कई मजदूर घायल हुए हैं। मैं घायलों के पूरी तरह ठीक होने की प्रार्थना कर रहा हूं क्योंकि गंभीर रूप से घायलों को श्रीनगर के एसकेआईएमएस में रेफर किया जा रहा है।’

'आतंकवादी के बजाय उग्रवादी शब्द चुना'
गांदरबल हमले की उमर अब्दुल्ला ने निंदा जरूर की, मगर इंटरनेट यूजर्स को यह बात नागवार गुजरी कि सीएम ने इस घटना के लिए उग्रवादी हमले का इस्तेमाल किया। लोग इस बात को लेकर भड़के हुए हैं कि उन्होंने इसे आतंकवादी हमला क्यों नहीं बताया। उमर अब्दुल्ला की पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों की टिप्पणियां आईं, जिसमें बताया गया कि कैसे उन्होंने 'आतंकवादी' के बजाय 'उग्रवादी' शब्द चुना। एक यूजर ने लिखा, 'ओह, उग्रवादी वापस आ गए हैं।'

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इंटरनेट यूजर्स ने लगाई फटकार
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘याद रखिए कि आप केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। आपकी हरकतों पर ध्यान दिया जा रहा है। इससे राज्य का दर्जा रद्द किए जाने की संभावना बन सकती है।’ बता दें कि जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादी हमला हुआ। इसमें एक डॉक्टर और 6 श्रमिकों की मौत हो गई। आतंकवादियों ने मजदूरों के समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें स्थानीय और बाहरी लोग दोनों शामिल थे। माना जाता है कि आंतकवादियों की संख्या कम से कम 2 थी। दो श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि 4 अन्य घायल श्रमिकों एवं एक डॉक्टर ने बाद में दम तोड़ दिया।

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